मंदिरों में घंटी क्यों बजाई जाती है? अयिये जाने।

आप सभी ने देखा होगा कि हर जगह मन्दिरों में घंटा या घंटी अवश्य ही लगी होती है। आप जहा भी हिन्दू मन्दिरों में जाओगे वाहा हर जगह मिलेगी आपको। हम सभी जब भी मन्दिर के अंदर प्रवेश करते है तो घंटी अवश्य ही बजाते है। क्या आप सभी ने सोचा कभी  कि यह घंटी क्यों बजाई जाती है। क्या कारण है घंटी को मन्दिरों में भगवान के आगे बजाने का कोई ना कोई तो कारण होगा ही। आज हम आपको यही बताएंगे की आखिर क्यों मन्दिरों में घंटी क्यों बजाई जाती है? क्या होता है घंटी बजाने से? घंटी मन्दिरों का प्रमुख वाद्य यंत्र है जो सदियों से चलता आ रहा है। मंदिरों में घंटी बजाने के दो प्रमुख कारण है जिस वजह से घंटी का उपयोग किया जाता है ।
हमारे भारत देश एक ऐसा देश है जहां पर सभी धर्मो के लोग निवास करते है।चाहे वह हिन्दू हो ,मुसलमान हो, सीख हो या ईसाई लेकिन सभी मिलजुलकर रहते है किसी में भी एक दूसरे के प्रति कोई प्रकार की हीन भावना नहीं है । अब देखा जाए तो जहा लोग होंगे वाहा मन्दिर जरूर ही होंगे जिनमें हम हमारे भगवान का पूजन और चिंतन करते है जहा जाकर हमें आत्मिक शांति का अनुभव करते है। लेकिन मन्दिरों में जाने के लिए कुछ नियम होते है । जैसे - बिना जूतों के जाना, सर को ढक कर रखना, तेज आवाज में ना बोलना इत्यादि। सबसे महत्त्वपूर्ण बात हम जब भी मन्दिर में प्रवेश करते है तो सबसे पहले घंटी बजाते है। ऐसा कहा जाता है की घंटी बजाने से भगवान जाग जाते है। और आपकी प्रार्थना सुुन लेते हैं । लेकिन हम  आपको बताना चाहते है घंटी बजाना सिर्फ भगवान से ही रिलेटेड नहीं है। इसका एक scientific reson भी है। इसलिए घंटी सदैव मन्दिर के प्रवेश द्वार पर ही  लगााई जाती है। 

यह दो कारणों से बजाई जाती है पहला है वैज्ञानिक कारण और दूसरा है धार्मिक कारण।

वैज्ञानिक कारण - सुना जाता है जब भी कोई वाद्य यंंत्र बजाया जाता है  तो जो  उस से ध्वनि निकलती है वह  कई सारे  वायु में फैले जीवाणु नस्ट कर देती  है और अशुद्ध वायु  को शुद्ध  वायु में परिवर्तित कर देती है । आप सभी को  पता होगा जब corona की शुुरुआत थी तब प्रधानमंत्री मोदी जी ने सभी जनता से आग्रह किया था कि सभी अपने घरों  मेे रहकर थाली,कटोरी,चमच ,घंटी इत्यादि बजाऎगे । इसलिए ही कह था इनको बजाने  से जो ध्वनि उतपन्न होगी वह वायु मेे fhaile सभी जीवाणुओ को नष्ट कर देगी। यही कारण है कि मन्दिरों में प्रवेश द्वार पर घंटी लगी होती है जिसकी ध्वनि से जितने भी वायु  मेे जीवाणु हो वे नष्ट  हो
जाए।



धार्मिक कारण - मान्यता है कि हम जब भी मन्दिर में प्रवेश करते है तो खुद ही मन में भक्ति भाव आ जाता है। और हमारे अराध्य की छवि खुद की हमारे आंखों के सामने आ जाती है।      
  1. जब भी हम मन्दिर के अंदर प्रवेश करते है तो मन्दिरों मेे स्थापित देवी देवताओं से उनकी अनुमति लेनी पड़ती है कि और उन्हें घंटी बजाकर जगाना पड़ता है ।इसलिए ही घंटी बजाई जाती है ताकि सभी देवी देवता यदि निंद्रवस्था में हो तो घंटी की ध्वनि से जाग जाए।
  2. हम सभी चाहते है कि हर किसी का ध्यान हम पर ही हो तो वे तो भगवान है उनका ध्यान हम पर होगा तभी तो सुनेंगे ना तो भगवान जी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए घंटी को बजाते है।
  3. सुना जाता है घंटी की ध्वनि से जितनी भी बुरी बलाए ,आत्मा, और जितनी भी बुरी शक्तियां होती है वे दूर हो जाती है। उसकी ध्वनि से आपके आस पास नहीं भटकती है।
  4. अब जब तक देवता प्रसन्न नहीं होंगे तब तक पूजा अधूरी मानी जाती है ना तो देवताओं को प्रसन्न करने के लिए घंटी बजाई जाती है ताकि वे प्रसन्न हो जाए और मनवांछित वर दे।
घंटी बजने से मन को शांति मिलती है और हमारे शरीर में एक अलग ही प्रकार की ऊर्जा का संचालन होता है। देवताओं को भी घंटनाद की ध्वनि अती प्रिए है।इसलिए अवश्य ही घंटी बजाय  जब भी मन्दिर जाए और अपने मन को शांत करें ।