हिन्दू धर्म के अनुसार हमारे भारत देश में बहुत से त्यौहार मनाएं जाते है। उनमें से एक है 'रक्षा बन्धन' । यह त्यौहार भाई - बहन केे बीच के अटूट प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन का यह त्यौहार हर वर्ष श्रावण मास में मनाया जाता है । और इस साल रक्षा बंधन 3अगस्त को है । सबसे खास बात यह है कि इस दिन सावन का आखिरी सोमवार है और पूर्णिमा भी है। इस साल का रक्षाबंधन बहुत ही खास है ।


रक्षा बंधन का महत्त्व-
हिन्दू धर्म में रक्षा बंधन का बहुत महत्व है। इस दिन बहने अपने भायिओ की कलाई पर रक्षा सूत्र 'rakhi' बांधती है और भाई की लंबी उम्र की कामना करती है ।और भाई उन्हें उपहार स्वरूप कुछ भेंट करते और बहन की रक्षा का वचन देते है यह राखी सिर्फ एक धागा ही नहीं होती है यह तो भाई बहन के प्रेम का प्रतीक होती है जो उन दोनो को उनके आपस के प्यार में बांधे रखती है और उन्हें कभी भी अलग होने नहीं देती।
रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त-
रक्षा बन्धन का शुभ मुहूर्त 9 बजकर 30 मिनट पर सुबह के समय शुरू हो जाएगा दोपहर 4 बजकरव35 मिनट पर खत्म हो जाएगा। उसके पश्चात रात 7 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा और 9 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगा ।
रक्षा बंधन की कथा -
यह कथा बहुत ही प्रचलित है । एक बार कि बात है भगवान श्री कृष्ण के हाथ में चोट लग गई तो खून निकलने लगा ।उस समय द्रौपदी भी वहां पर मौजूद थीं। द्रौपदी से यह देखा नहीं गया ।उन्होंने तत्काल अपनी सारी का पल्लू फाड़ा और श्री कृष्ण के हाथ में बांध दिया राखी के स्वरूप जैसे ही उन्होंने रक्षा सूत्र बांधा खून का बहना बन्द हो गया तब भगवान श्री कृष्ण ने इस रक्षा सूत्र का कर्ज चुकाने के लिए जब दुशासन के द्वारा का चीर हरण किया गया तब श्री कृष्ण जी ने द्रौपदी का चीर बढ़ाकर उनका कर्ज चुकाया और उसी दिन से रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा चली आ रही है।
ये रक्षा बंधन का त्यौहार आए बार बार।
और इसी तरह भाई बहन के बीच बढ़ता रहे प्यार।।
और इसी तरह भाई बहन के बीच बढ़ता रहे प्यार।।
रक्षा बंधन का त्यौहार हर साल लाता है सावन ,
और भाई बहन के बीच का प्यार हो जाता और भी पावन ।।
और भाई बहन के बीच का प्यार हो जाता और भी पावन ।।
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